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Tuesday, October 6, 2009

"सब मिलकर पेड़ लगाएँ"

आओ साथी सब मिलकर पेड़ लगाएँ, बड़े प्यार से पेड़ लगाएँ

पेड़ों की हरियाली से इस जग को नहलाएँ
आओ साथी सब मिलकर पेड़ लगाएँ।।


पेड़ों की इस हरियाली से प्रदूषण को दूर भगाएंगे

प्रदूषण को दूर भगाकर नया संसार हम बनाएंगे

हरियाली की शोभा चारों दिशाओं में फैलाएंगे

भारत की इस पावन भूमि को हम स्वर्ग बनाएंगे

आओ साथी सब मिलकर पेड़ लगाएँ, बड़े प्यार से पेड़ लगाएँ।।


आनेवाली नई पीढी को तुम हरा -भरा संसार देते जाना

अगर न होंगे पेड़ और पौधे तो सोचो क्या होगा इस धरती का

अगर न होंगे पेड़ इस धरती पर तो हो जाएगी यह शमशान

शमशान न होने देंगे इस धरती को , रहते अपनी जान के

आओ साथी सब मिलकर पेड़ लगाएँ, बड़े प्यार से पेड़ लगाएँ।।


यदि लगाओगे तुम एक-एक पौधा तो धरती पर बढ़जाएगी हरियाली

पेड़ लगाकर ला सकते हैं हम प्रकृति संतुलन को वापस

वैसे तो एक पेड़ भी हरता है प्रकृति का प्रदूषण सारा

लेकिन हिलमिल कर रहने से और भी बढ़ जाएगी हरियाली

आओ हम सब मिलकर यह प्रण ले कि जीवन के इस आधार को मिटने न देंगे।

हरी -भरी धरती पर ही होंगी खुशहाली चारो ओर

कण-कण देगा तुम आशीश ,जीवन की खुशहाली में

पेड़ों की हरियाली से ही जीवन की खुशहाली होगी

आओ हम सब मिलकर यह प्रण ले कि जीवन के इस आधार को मिटने न देंगे।

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