कहते हैं हर मर्ज की दवा कर देता है वक्त
एक बार गए लोगों को भुला देता है वक्त ।
जब दोस्ती की कोई भूली दास्तान सुनाएगा वक्त
हमें भी कोई अपना शक्श याद आएगा उस वक्त
जीवन के हर गम को हम भूल जाएंगे
जब दिल को याद तुम्हारी आएगी
वक्त से हाल तुम्हारा जान लेंगे।
दिल की यादों में तुम्हें बसाकर रखा है
जब -जब याद तुम्हारी आएगी
छूकर तुम्हें आई हवा से हाल तुम्हारा जान लेंगे
पाकर स्पर्श उस हवा का
तुम्हारे पास हेने को महसूस करेंगे।
जब साथ गुजारे पल जब याद आएं
तो आँखे अपनी बंद कर याद मुझे कर लेना
हर सांस बनकर साथ तुम्हारे हो लुंगा
अगर इतना भी न कर सको तो
अपने होठों पर एक मुस्कान ला देना ।
तुम्हारी एक मुस्कराहट बनकर साथ तुम्हारे हो लुँगा।
मत सोचो कि साथ है कितने दिन का
साथ नहीं जीवन भर का ,न सही
जीवन साथ न गुजार सके तो क्या
इस पल को तो तुम्हारे साथ जी लेने दो।
अगर दे सकूं कोई मुस्कराहट तुम्हें जीवन में
जीवन का क्या भरोसा , आज यहाँ तो कल कहाँ
कल की बात को तुम कल में ही रहने दो
आज के वक्त को तो साथ जी लेने दो
कल न जाने ये वक्त कहाँ ले जाए
आज तो हँसकर जी लेने दो।
"कहते हैं हर मर्ज की दवा कर देता है वक्त’
ReplyDeleteहैदराबाद में तो कहते हैं - हर मर्ज़ की दवा है ज़िंदातिलिस्मात:)
अच्छी कविता के लिए बधाई॥
बहुत सुन्दर लिखते है आप ।
ReplyDeleteplease remove word verification then it wiil be easy to comment. Thanks
गुलमोहर का फूल
बहुत सुन्दर सकारात्मक सोच बधाई
ReplyDeleteब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है, आपके लेखन में प्रखरता की आकांक्षी हूँ .......
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