निम्नलिखित कहानी को ध्यानपूर्वक पढकर नीचे लिखे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
एक बार देवता सैर को निकले थे। उन्हें देखकर तीन पहाड़ों की चोटियों ने उन्हें प्रणाम किया। देवता उन पर प्रसन्न हुए और तीनों से एक-एक वर माँगने के लिए कहा। तीनों प्रसन्न हो गए। उनमें से पहले ने अपनी इच्छा प्रगट करते हुए कहा - हे भगवन, मेरी ऊँचाई सबसे अधिक हो जाए जिससे मैं सभी को दूर ले दिखाई दूँ। सभी मेरी प्रशंसा करें और मैं सबसे बड़ा कहलाऊँ। दूसरे ने कहा - मुझ पर इतनी हरियाली छा जाए कि जिससे कोई आकर मुझे नष्ट न कर सके। मैं सभी को सुन्दर भी लगूँ। तीसरे ने अपनी माँग में पूछा - मुझे तो आप भूमि जैसा समतल बना दीजिए। जिससे दूसरों को उपयोग हो, दूसरों की भलाई हो। मुझ पर खेती करके अनाज की अच्छी पैदावार की जाए। देवताओं ने तथास्तु कह दिया अर्थात् तुम सभी की इच्छा पूर्ण हो ऐसा आशीर्वाद देकर देवता लोग चले गए। तीनों पहाड़ अपनी-अपनी इच्छा पूरी होने की बात को लेकर खुश हुए। बहुत दिनों बाद देवता पुनः उसी मार्ग से गुजर रहे थे। उन्होंने देखा कि सबसे ऊँचा पहाड़ बड़े पहाड़ के नाम से प्रसिद्ध हो गया था। देखनेवाले उसकी अवश्य प्रशंसा करते थे। इन सबसे अलग बात यह थी कि सबसे ऊँचा होने के कारण वह सबसे अधिक सर्दी सह रहा था।
प्रश्न 1. जब देवता सैर को निकले तो उन्हें किसने प्रणाम किया ?
प्रश्न 2 अपनी ऊँचाई सबसे अधिक हो जाने का वर किसने माँगा ?
प्रश्न 3 अपने ऊपर सबसे अधिक हरियाली हो जाने का वर किसने माँगा ?
प्रश्न 4 तीसरे पहाड़ ने देवताओं से क्या वर माँगा ?
प्रश्न 5 जब देवता पुनः उसी मार्ग से गुजर रहे थे तो उन्होंने क्या देखा ?
lable/tag bhee deejiye taki pata chale kee yah kahanee aur ye prashna aapke kaksha-path ka hissa hain. aisee saamagree ko aap ''chhatron ke liye'' shrenee men rakh sakte hain na.
ReplyDelete