घर के बन्धन तोड़कर , निकले इस मोड़ पर
देखो इन दीवानों को , देखो इन मस्तानो को
घर के बंधन तोड़कर , प्यार का बंधन जोड़कर
मस्ताने निकल आए आज अपनी राह पर .
न घर का पता न मंजिल का
ये घर से बेगाने होकर चले आए .
घर के बन्धन तोड़कर , निकले इस मोड़ पर
देखो इन दीवानों को , देखो इन मस्तानो को
लगी जो एक लगन , खिल गए देखो चमन ,
आज झूमे इनकी मस्ती में,धरती और गगन
अरे देखो इन दीवानों को ,देखो इन मस्तानों को
हंसते हुए दिलों को आंसूं देकर आओगे?
बहते हुए आंसुओं पर क्या तुम अपना घर बसाओगे .?
टूटे दिलों कि आहें लेकर क्या तुम ख़ुशी से जी पाओगे?
घर के बन्धन तोड़कर , निकले इस मोड़ पर
देखो इन दीवानों को , देखो इन मस्तानो को
माना कि जीवन में हर चीज़ पानी ज़रूरी है
जिसको तुमने चाह ,उसकी खातिर हो गए दीवाने ,
राह हो जीने की या पढने की या हो सच्चाई पर चलने की
जीवन की राह पर तुम हार न जाना ,सच्चाई की राह से कभी दूर न जाना .
घर के बन्धन तोड़कर , निकले इस मोड़ पर
देखो इन दीवानों को , देखो इन मस्तानो को
माना कि जीवन में हर चीज़ पानी है
ReplyDeleteफ़िर भी ज्ञानी कहते दुनिया फ़ानी है :)