तितली रानी तितली रानी
सुंदर -सुंदर पंख तुम्हारे
इतने सुंदर पंख लाई कहाँ से ,
जब तुम फूलों पर मंडराती हो
फूलों का रस ले जाती हो
चुपके से तुम मेरी बगीया के फूलों का रस ले जाती हो
फूलों के रस का क्या तुम अपने घर पर शहद बनती हो,
होते पंख अगर मुझको भी
मैं भी फूलों पर संग तुम्हारे मंडराता
लेकर फूलों से सुन्दर -सुंदर रंग
मैं भी अपने सपनों को खूब सजाता
तितली रानी तितली रानी
फूल -फूल पर तुम मंडराती हो ,
अच्छी पंक्तिया लिखी है आपने ....
ReplyDeleteमुस्कुराना चाहते है तो यहाँ आये :-
(क्या आपने भी कभी ऐसा प्रेमपत्र लिखा है ..)
(क्या आप के कंप्यूटर में भी ये खराबी है .... )
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com
बच्चों की इस सुंदर कविता के लिए बधाई स्वीकारें॥
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