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Thursday, September 9, 2010

मोर


     
देखो मोर नाच रहा है
पंखों को खोल रहा है
        नाच इसका सबको भाता
       जब यह पंखों की छतरी  फैलाता

   

          काले -काले बदल इसको भाते
          देख इन्हे यह पिहू -पिहू का गीत सुनाता



सुनकर इसके गीतों को
  बरखा रानी आती मस्ती में

3 comments:

  1. देखो देख रहा था पपिहा
    जाके सब से कहेगा पपिहा...
    यह गीत याद आ गया :)

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