tag:blogger.com,1999:blog-6208316348764123828.post5945185030557196405..comments2023-09-08T20:04:04.073+05:30Comments on शिवा: यात्राशिवाhttp://www.blogger.com/profile/14464825742991036132noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6208316348764123828.post-47116211569469007292013-11-16T09:05:24.894+05:302013-11-16T09:05:24.894+05:30marmik कहानी ....marmik कहानी ....विकास सोनीhttps://www.blogger.com/profile/02698704132870085265noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6208316348764123828.post-70551773398744610372013-10-25T22:52:11.503+05:302013-10-25T22:52:11.503+05:30शव को छोड़ने शव को छोड़ने RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6208316348764123828.post-87145233085731787462013-10-25T22:50:54.671+05:302013-10-25T22:50:54.671+05:30मूल कथा तक पहुँचने के लिए जो लम्बी पीठिका बनाई गयी...मूल कथा तक पहुँचने के लिए जो लम्बी पीठिका बनाई गयी है वह निरर्थक लगती है. कहानी को फ्लैश बैक में चलाना था तो फोटो वाली घटना से सीधे आरम्भ किया जा सकता था. कहानी में बाढ़, बीमारी, मृत्यु और शव को छ्प्दने जैसे जो मार्मिक स्थल हैं उन्हें विस्तार देने पर इसमें जान पड सकती है. अभी तो यह अखबारी विवरण भर है.घटनाएं, दृश्य और संवाद जोडिए. <br /><br />शुभाकांक्षी <br />ऋ.RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.com