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Tuesday, October 27, 2009

जालिम दुनिया

ये जालिम दुनिया हमें चाहे या न चाहे
हम तो चाहेंगे तुम्हें  हर दिन हर पल
ये दुनिया बड़ी जालिम है दिल तोड़कर हँसती है
मतलब पड़े तो दिल जोड़ लेते हैं लोग
मतलब निकल गया तो साथ छोड़ देते हैं लोग
दिल को एक खिलौना बनाकर खेल लेते हैं लोग।
      दिल की हर धड़कन तेरे लिए धड़कती है
      जीवन के हर मोड़ पर साथ तेरा ढूँढती है
      जब भी तुम दिल से मुझे पुकारोगे,पास सदा मुझे पाओगे
      जीवन की हर राह पर याद मैं तुम्हें आऊँगा
         ये जालिम दुनिया हमें चाहे न चाहे
         हम तो चाहेंगे तुम्हें हर दिन हर पल     ।
तडप उठोगे जब याद हमारी आएगी
ढूँढोगे तुम हमें जब हम दूर चले जाएंगे
तन से भले ही दूर हो जाएं पल दिल तो तुम्हारे पास ही होगा
तेरे दिल की धड़कनों मे बसकर साथ तेरा हम पाएंगे
जब कभी भी ये हाथ दुआ को उठेंगे
तेरी सलामती ,तेरी खुशी के लिए सदा दुआ करेंगे
 ये जालिम दुनिया हमें चाहे न चाहे
 हम तो चाहेंगे तुम्हें हर दिन हर पल।

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